National Payments Corporation
of india न होती तो देश के गरीबों के साथ धोखा धड़ी भी नहीं की जा सकती थी । एक फ्रॉड जिसका
जिम्मेदार NPCI है आज की इस पोस्ट
में जानेंगे कैसे ।
NPCI का फुल फॉर्म (National Payments Corporation of india )
NPCI National Payments Corporation of india ने एक बहुत ही अच्छी पहल शुरू की आप अपने आधार नंबर से कहीं भी अपने बैंक खाते में पड़े पैसे निकाल सकते हैं । लेकिन क्या कभी आपने या NPCI National Payments Corporation of india के द्वारा ये सोचा गया इससे कितना बड़ा फ्रॉड (जालसाजी ) भी हो सकती है । अक्सर सुनने में आता रहता है आधार कार्ड से वहाँ फ्रॉड हो गया । कोई एक व्यक्ति फला गाँव में कोई और काम करने आया और लोगों को भरोसा देकर अंगूठा लगवा कर लाखों रूपए निकाल ले गया । इस बात की शिकायत के लिए कोई सुरक्षा न तो रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की तरफ से है न ही NPCI- National Payments Corporation of india ) की तरफ से न ही UIDAI की तरफ से ।
- AEPS का दुरपयोग किया गया ।
- कई फर्जी कंपनी मार्केट में आ गईं ।
जिन्होंने AEPS transaction किये
- लाखों फ्रॉड करने वाले घर-घर जाकर बिना पढे लिखे लोगों से अंगूठा लगवाने लगे ।
जो लोग गांवब गाँव जाकर लोगों के अंगूठे लगवा रहे थे उन्होंने यह सब ऐसे ही नहीं किया ।
- उनके पास मोबाइल एप व वेबसाइट थीं ।
- यह वेबसाइट उन्होंने खुद नहीं बनाई थीं ।
- टीम में कई लोग सामिल थे ।
- AEPS FROUD इसलिए हुआ NPCI ने कोई सुरक्षा के प्रबंध नहीं किये थे ।
- AEPS को सबसे सुरक्षित माना जाता है दरअसल कम पढे लोगों के साथ खतरा है ।
आधार कार्ड से पैसे निकालने वाला जो एजेंट होता है अगर वो किसी गाँव
में फ्रॉड करके चला आता है तो उसकी डिटेल भी मिलना मुश्किल है कौन ले गया आपके
पैसे । कई एक कम्पनी हैं जैसे डिजिटल इंडिया पेमेन्ट ltd, पे नियर बाई, स्पाइस मनी, फिनो पेमेंट बैंक, आदि। जो ग्राहक की
सुरक्षा का कोई जिम्मा नहीं रखते । अगर ग्राहक का पैसा किसी एजेंट ने चोरी से
निकाल लिया है । वह अपनी पासबुक पर स्टेटमेंट बैंक से निकलवा लेता है जिसमें सिर्फ
इतना लिखा होता है फला तारीख को आपके खाते से आधार के द्वारा 10000 रुपये निकाले गये
हैं । अब आप सोचो कि किसने निकाले कोई पता नहीं । क्योंकि निकालने वाले की डिटेल
कहीं पर सो नहीं होती है ।
यहाँ तक तो फिर भी ठीक है आधार कार्ड से पैसे निकालने वाली कई एक कंपनी हैं जो एजेंट का ही पैसा गुम कर लेती हैं । मतलब ये कि एजेंट लोगों के साथ धोखा करता है कम्पनी एजेंट के साथ । नहले पे दहला वाली कहानी हो गयी । पर यहाँ सोचने वाली बात यह है कुछ एजेंट स्वच्छ छवि के होते हैं जिनका किसी से कोई फ्रॉड नहीं होता है लेकिन कम्पनी उनका लाखों aeps transaction डुबा लेती है। इसपर NPCI National Payments Corporation of india, RBI, UIDAI सब अपने कान और आँख बंद किये रहती हैं । कौन पैसो का हेर फेर कर रहा है कोई मतलब नहीं ।
ऐसी ही एक कहानी है digital india payments limited. की जो आधार कार्ड से
पैसे निकालने का काम लेकर 2017 में आयी। ये कम्पनी
मुंबई महाराष्ट्र की थी जिसने अपना नेटवर्क ASM ( एरिया सेल्स मैनेजर ) के माध्यम से अपना कारोबार भारत
के ज्यादातर हिस्सों में फैला दिया । शुरुआती दिनों में बहुत अच्छी लुभावनी सर्विस दी
एजेंट को कमीशन दिया एजेंटो ने आधार कार्ड से पैसे निकाल कर लोगों को बेहतरीन
सर्विस दी लोग भी खुश थे । बूढ़े लोग विकलांग लोग भी बहुत खुश थे 5 किमी दूर बैंक कौन
जाये यहीं पर सुविधा हो गयी ।
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अगर किसी का पैसा
नेटवर्क में समस्या की वजह से बीच में अटक जाता या फस भी जाता था तो वह 10 या 20 मिनट में बापस या 24 घंटे में ही हो
जाता था । समय के चलते एक हप्ते में बापस होने लगा एक महीने में होने लगा फिर छः
महीने से भी ज्यादा समय लेने लगा और फिर बापस होना ही बंद । कम्पनी के टोलफ्री
नम्बर पर बात करने वाले लोग भी इधर उधर भटकाने लगे । कभी कहते फसे हुए txn की डिटेल इस मेल पर
मेल करो कभी यहाँ करो 50 जगह और 100 बार भेजनें से भी
पैसा बापस नहीं हुआ तो एजेंट और डिस्ट्रीब्यूटर ने कहीं न कहीं से तसल्ली कर ली ।
एजेंट का हजारों और डिस्ट्रीब्यूटर का लाखों रुपये कम्पनी ने हड़प कर लिया RBI को या किसी को कोई
भनक तक नहीं लगी । डिस्ट्रीब्यूटर काफ़ी छटपटाये भी लेकिन पैसा बापस नहीं आया । बेईमानी होने की
वजह से ASM ने भी नौकरी छोड़
दीं जिन्होंने डिस्ट्रीब्यूटर बनाया था अब एजेंट जाये तो कहाँ जाये ।
digital india payments ltd.ने फ्रॉड करते करते
पहले RBL बैंक से सर्विस ली
फिर यस बैंक से फिर फिनो से लेकिन पैसा बापस नहीं किया । आज कम्पनी हो सकता है
अपनी 6 वर्ष गांठ भी मना चुकी हो लेकिन करोड़ों रुपये हजम हो गये RBI को पता नहीं चला ।
प्रधानमंत्री श्रीमान नरेन्द मोदी जी भारत को डिजिटल इंडिया बनाना चाहते हैं इस
बात की धज्जियाँ भी उड़ाई जा रहीं हैं उनको भी भनक नहीं लोगो के साथ फ्रॉड हो गया ।
कम्पनी ने शुरुआत में आधार से जमा निकासी की दोनों सुविधाएं दी थीं लेकिन फिर बाद
में NPCI (नेशनल पेमेंट्स
कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ) ने किसी कारण के
चलते जमा की सुविधा खत्म कर दी। जो फिलहाल अभी तक चालू नहीं है ।
digital
india payments ltd. का मेन पेज अभी भी बेफिक्र होकर
इंटरनेट पर मौजूद है जिसका लिंक digital india payments ltd ये है। कम्पनी ने
कई बार अपना लोगो बदला कई बार अपना टोलफ्री नंबर बदला 2017 में ये था अब ये है
हो सकता है कुछ दिन में ये भी बदल जाये। ताकि लोग परेशान ना करें यहाँ तक की
इंटरनेट के पेज पर जो पता है कम्पनी का ये भी कई बार बदल चुका है किसी को अभी तक
खबर नहीं है । कम्पनी ने अपना ईमेल id भी कई बार बदला क्योंकि जिनका पैसा फ़सा है लाखों बो
फ़ोन या मेल जरूर करते हैं तो कम्पनी ईमेल और नंबर बदल देती है ।
NPCI- National Payments Corporation of india कम्पनी के द्वारा फैल txn की कुछ डिटेल है जो अभी तक बेईमानी होने की
वजह से नहीं बापस हुआ है ये डिटेल सिर्फ एक एजेंट की है कम्पनी के पास लाखों एजेंट
थे 70% एजेंटो का दस दस
हजार रूपए भी फसा है या कहा जाये बिल्कुल हजम हो गया है तो ये रुपये करोड़ों में
होंगे । txn फैल होने की वजह से
कई एजेंट ने काम करना ही बंद कर दिया जिससे उनकी id कम्पनी के द्वारा ब्लॉक कर दी गयी।
डिजिटल इंडिया पेमेंट्स लिमिटेड की शिकायत npci के ट्विटर पर sms के द्वारा भी की लेकिन उन लोगों कोई जानकारी नहीं है कि आखिर देश में हो क्या रहा है । शिकायत के स्क्रीनशॉट भी हें आप जिन्हें देख सकते हें ।
क्योंकि इन लोगों को तभी दर्द होता है जब खुद इन्ही को दर्द होता है । समाज में देश के गरीब पर क्या बीत रही है कोई सुनने वाला नहीं है ।
और भी जानकरी आपको इसी पोस्ट में अपडेट करेंगे तब तक के लिए नमस्कार ।

