Bike Insurance , Car insurance आपका एक मिनट के पहले हो जाता है । लेकिन बीमा कम्पनी किसी भी उपभोक्ता को उसका लाभ महीनों में देती हें ।

  Bike Insurance , Car  Insurance के नाम पर उपभोक्ता को सिर्फ ठगा जा रहा है बाकी मिलता कुछ भी नहीं है । आज की पोस्ट में यही पूरा खेल समझते हें ।  

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  आप bike insurance करवाते हें | आपको यह भी पता होगा कि bike insurance क्यों जरूरी है ? car insurance क्यों जरूरी है



       इन सभी बातों को समझने के साथ सबसे अधिक यह समझना जरूरी है कि जो कम्पनी आपका bike insurance कर रही है उसका फायदा आपको नहीं मिल रहा है । जब भी आपको bike insurance , Car Insurance का बेनीफिट लेने का मौका होता है उस वक्त बीमा कम्पनी आपको बेवकूफ बनाती हें । 

   भारत की एक ही नहीं सभी कम्पनी जो bike insurance , car इन्श्योरेन्स करती हें । कोई भी कम्पनी गाड़ी मालिक को उसका लाभ समय पर नहीं देती हें ।

आज आपकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया । आप अपनी बीमा कम्पनी से क्लेम करें ।

  • आपको क्लेम करने में ही समय लग जाएगा ।
  • आपकी जल्दी सुनवाई नहीं होती है ।
  • क्लेम करने के बाद आपकी गाड़ी किस कंडीसन में खराब है यह जांच होगी ।
  • यदि आपकी गाड़ी का कोई भी पार्ट सिर्फ टेढ़ा हुआ है उसका कोई मुआवजा नहीं मिलता है ।
  • आपकी गाड़ी का जो भी पार्ट है वह 50% से अधिक टूटा हुआ होना चाहिए ।
यदि कोई पार्ट्स 50% से अधिक नहीं टूटा है तो आपको क्लेम नहीं मिलेगा । ऐसा भले ही बीमा कम्पनी न कहती हों लेकिन भारत के अधिकतम वाहन मालिकों के साथ ऐसा हुआ है । 

    ऊपर हमने जो भी कंडीसन लिखीं हें यह बीमा कम्पनी अपने टर्म एण्ड कंडीसन में नहीं भी लिखता हो लेकिन यह सच है । आप में से जिस किसी का वाहन एक्सीडेंट में डैमिज हुआ है उसको कई मुसकीलों का सामना करना पड़ता है ।

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     बाइक इन्श्योरेन्स कम्पनी आपकी गाड़ी रिपेयरिंग के लिए जमा कर लेगी । उसके बाद आपको टूट फूट का 30 % से अधिक रुपया जमा करना होगा । जबकि आप अपनी बाइक का इन्श्योरेन्स के वक्त रुपये पहले से दे चुके हें ।

    एक बात समझ में नहीं आती है । आखिर भारत का सासन और प्रसासन वाहन बीमा के लिए इतना अधिक प्रेशर क्यों देते हें । यदि आपके वाहन का बीमा नहीं है तो आपसे चालान लगेगा, जुर्माना लगेगा ।

      भारत का वही प्रशासन गाड़ी मालिक की मदद क्यों नहीं करता है । जिस तरह से उसने बीमा कराते वक्त नकद भुगतान किया ठीक उसी तरह उसके वाहन को तुरंत मरम्मत करके बापस दिया जाए ।

    जिस वक्त आपके वाहन में कोई टूट फूट हो जाती है उसके बाद यदि आप बीमा कम्पनी के भरोसे हें । आपका वाहन आपको 2 माह के लगभग ठीक होकर मिल पाता है ।

इन्श्योरेन्स का मतलब आपकी सुरक्षा । आपने यदि वाहन इन्श्योरेन्स लिया तो आपके वाहन की सुरक्षा ।

वाहन इन्श्योरेन्स के फायदे ।

यदि आपका वाहन चोरी होता है –

  • बीमा कम्पनी पहली कोसिस आपके वाहन को खोजने की करती है ।

खोजने पर आपका वाहन नहीं मिलता है तो बीमा कम्पनी आपके वाहन की वेलयू  के हिसाब से भुगतान करती है ।

  • यदि आपका वाहन किसी हादसे में टूट जाता है / या जल जाता है । -
  • आपके वाहन में टूटे हुए पार्ट्स को बीमा कम्पनी नए पार्ट्स में बदलती है ।
  • बीमा होने के बाद भी आपसे 30% से 40% के बीच चार्ज लिया जाता है ।
  • बीमा कम्पनी ग्राहक को सबसे बड़ा बेवकूफ यहीं पर बनाती हें ।
  • जिस पार्ट्स की कीमत 100 रुपये है गाड़ी मालिक को 150 का बताया जाता है ।
  • फिर गाड़ी मालिक से कहा जाता है यह ओरिजनल पार्ट्स है / खैर पार्ट्स ओरिजनल ही होते हें ।

  गाड़ी मालिक को उसके बाद में भी कई महीने लग जाते हें । उसके बाद बीमा कम्पनी गाड़ी की मरम्मत करती है ।

       गाड़ी मालिक जिसने अपना बाइक इन्श्योरेन्स 2 मिनट में करवाया है उसे समय पर सर्विस नहीं मिलती है । इसकी वजह से लगभग 70% से अधिक लोग बीमा कम्पनी से क्लेम नहीं लेते हें । क्योंकि उनको पता है गाड़ी के टूटे हुए पार्ट्स का पूरा रुपया लगेगा । मरम्मत में भी महीनों लगेंगे । ओर भी कई वजह हें जिनकी वजह से गाड़ी मालिक बीमा के रुपये का मुनाफा नहीं ले पाता है ।

  bike Insurance , Car Insurance कम्पनी के गलत वार्ताव की वजह से वाहन मालिक कुछ इन वजहों से क्लेम नहीं लेते हें 

  • वाहन मालिकों के बहुत से काम होते हें जो बिना वाहन के संभव नहीं हें । 
  • वाहन मालिक जितना रुपया बीमा कम्पनी से क्लेम लेकर बचा पाते हें उससे अधिक उनका किसी अन्य को किराया देने में चल जाता है । 
  • जो पार्ट्स बीमा कम्पनी वाहन मालिक को 3500 में देती है वह बाजार में 3000 के लगभग मिल जाता है 
  • बीमा कम्पनी से क्लेम लेने में समय लगता है बाजार मे तत्काल काम होता है । 
  • यदि बीमा कम्पनी से थोड़ा बहुत बच भी जाता है वाहन मालिक का उससे अधिक समय नष्ट किया जाता है 
  • वाहन मालिक की भागदौड़ भी बढ़ जाती है । 
इस लिए आपसे अनुरोध है यदि बीमा करवाते हें तो अपना काम करवाने का समय भी मांगें । 

      इस पोस्ट का मतलब यह नहीं है कि आप बाइक इन्श्योरेन्स , कार इन्श्योरेन्स न करवाएं । इन्श्योरेन्स करवाना जरूरी है । इस पोस्ट का इतना मतलब है आप सबको मिलकर बीमा कम्पनी से सवाल करने चाहिए । जब हम बीमा करवाते समय तुरंत भुगतान करते हें । तो मेरी गाड़ी की मरम्मत भी तुरंत होनी चाहिए । तुरंत नहीं हॉप सकती है तो कमसे कम समय में होनी चाहिए । बीमा करवाते समय ऐसा भी नहीं होता है। मेरे वाहन का बीमा आज कर दो पैसे 2 माह बाद ले लेना ।

       बीमा कम्पनी ऐसा नहीं कर सकती हें । बीमा आज किया पैसे 1 माह बाद ले लें । तो गाड़ी मालिक के साथ ऐसी गद्दारी क्यों है । इस पर सरकार क्यों कुछ नहीं कहती है । इस विषय पर कोर्ट भी कुछ नहीं कहता है ?

वाहन बीमा के प्रकार - 

 वाहन बीमा मुख्य दो प्रकार का होता है । 

फर्स्ट पार्टी बीमा -

थर्ड पार्टी बीमा -

          फर्स्ट पार्टी बीमा- में वाहन चलाने वाला , वाहन  और जिसको टक्कर लगी है तीनों का क्लेम मिलता है । 

      फर्स्ट पार्टी बीमा करवाने से अन्य ओर भी कई लाभ जुड़े होते हें । उनका भी चार्ज आपसे लिया जाता है । जैसे  वाहन स्वामी अपना वाहन खुद न चलाके उनका भाई , ड्राइवर चलाता है । उसके नियम अलग हें । 

        थर्ड पार्टी बीमा- में किसी को भी क्लेम नहीं मिलता है । बस बीमा न होने की वजह से पुलिस आपको परेसान नहीं करेगी । आपका चालान नहीं कटेगा । 

   आप जब कभी घर से अपना वाहन लेकर निकलते हें । आपकी गाड़ी का बीमा खतम हो चुका है । आपको रास्ते में पुलिस रोकती है ओर आपका बीमा न होने की वजह से चालान काट दिया जाता है । इसका मतलब यह है की राजस्व को भी बीमा से अच्छा फायदा है । 

     बीमा कम्पनी के एजेंट बीमा करवाते समय आपको दीमक की तरह घेरते हें इसका मतलब उसे भी अच्छा फायदा है । बीमा कम्पनी आपका बीमा खतम होते ही आपसे काल करती है इसका मतलब उनको भी अच्छा फायदा है । 

   सिर्फ नुकसान यदि किसी का है तो बह वाहन मालिक । उसको फायदा मिल भी जाता है गाड़ी चोरी आदि होने पर लेकिन गाड़ी मे हल्की फुलकी टूट से वाहन मालिक का समय बहुत नष्ट किया है । यह है भारत की न्यायपालिका । 

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      इस पोस्ट के माध्यम से हम यह साबित नहीं करना चाहते हें कि बीमा कम्पनी वाहन मालिकों के साथ पूरी तरह से गलत व्यवहार कर रही हें । बीमा कम्पनी पैसे लेते वक्त कुछ और नजरिए से देखती है । जब वह बपास करना होता है तो गलत व्यवहार अपनाती है । बाकी आप लोग अपने वाहन का बीमा जरूर करवाएं । 

   इस पोस्ट में यह समझाने की कोसिस की गई है  बीमा कम्पनी द्वारा वाहन मालिक के समय का बहुत अधिक नुकसान किया जाता है । 


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